साल 2013 पूरे भारत और मध्य प्रदेश के लिए काला दिन जब देश के दो लाल सीमा कि रक्षा के लिए अपने सिर कि कुर्बानी दे दिए थे। उनमें से एक मध्य प्रदेश के सीधी चुरहट निवासी लांस नायक शहीद सुधाकर सिंह बघेल है जो अपने साथी हेमराज सिंह के साथ दस्त कर रहे थे। तभी पाकिस्तान रेंजरों ने दोनों की हत्या कर दी और सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। अब सुधाकर सिंह के पिता ने कहा है कि अभी बदला पूरा नहीं हुआ है।

शहीद सुधाकर सिंह कि शहादत से दो साल पहले शादी हुई थी उनका एक चार महीने का बेटा था। जिस तरह देश में पहलगाम हमले को लेकर लोगों में गुस्सा है वैसा ही माहौल आज से 12 साल पहले भी था। जहां दो भारतीय सैनिकों की बेहरमी से गला काटा गया इसके बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए और पाकिस्तान से बदला लेने की मांग की गई, ऐसे में मीडिया के द्वारा शहीद सुधाकर सिंह के परिजनों से बात की और जाना कि ऑपरेशन सिंदूर ने उनके बेटे की शहादत का बदला लिया है..

कौन है लांस नायक शहीद सुधाकर सिंह क्या हुआ था?

सुधाकर सिंह बघेल निवासी- डढिया, सीधी, पद- लांस नायक, राजपूताना राइफल्स ,शहादत - 8 जनवरी 2013 ,क्या हुआ था

सुधाकर सिंह और उनके साथी हेमराज, जम्मू-कश्मीर के पुंछ के मेंडोर इलाके में गश्त कर रहे थे। उसी समय पाकिस्तान आर्मी के रेंजर्स ने सीमा रेखा पर घुसपैठ करने की कोशिश की। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। जिसमें हेमराज और सुधाकर सिंह शहीद हो गए। पाकिस्तानी रेंजर्स दोनों जवानों के शवों के साथ बर्बर तरीके से पेश आए। उन्होंने दोनों शवों का का सिर काट दिया था। 10 जनवरी को दोनों जवानों का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास ले जाया गया जहां राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।

डढ़िया गांव अब शहीद सुधाकर सिंह के नाम से जाना जाता है

सीधी शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित चुरहट के पास है डढिया गांव। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और उनके बेटे अजय सिंह का विधानसभा चुरहट भी है। डढिया के प्रवेश द्वार पर सुधाकर सिंह के नाम का एक स्मृति गेट की बनाया गया है। गांव के दूसरे तरफ शहीद स्थल बना है सुधाकर सिंह के नाम पर एक सड़क और पहाड़ी का नाम ही रखा गया है। इस गांव में सुधाकर सिंह के माता-पिता और बड़े भाई सत्येंद्र का परिवार रहता है

पिता ने कहां अभी बदला नहीं हुआ पूरा

लांस नायक सहित सुधाकर सिंह के पिता से जब सवाल किया गया इस समय बॉर्डर पर पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति है ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आप क्या सोचते हैं क्या आपका बदला पूरा हुआ - तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अभी बदला पूरा नहीं हुआ. पाकिस्तान को पूरी तरह से नष्ट और मटियामेट नहीं होता तब तक चैन नहीं आएगा

इस दौरान उन्होंने कहा जिस दिन मेरे बेटे का सिर काटकर पाकिस्तान ले गए थे। उस समय मेरे मन में ऐसा ही ख्याल आया था कि भारत की सेना पाकिस्तान को तहस-नहस कर दे और उसे मिट्टी में मिला दे. आज भी ऐसा ही करना पड़ेगा क्योंकि पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ता और वह आतंकियों को लगातार हमारे देश में भेजता रहेगा।