ब्रेकिंग न्यूज: सूख गया मऊगंज का 'गोरमा डैम' उड़ने लगी धूल, कभी पर्यटक स्थल बनाने का था वादा
मऊगंज जिले के हनुमना अंतर्गत गोरमा डैम का जल स्तर चिंता बढ़ा रहा है। इस बांध का जल स्तर मई महीने में ही काफी कम हो गया है। यहां तक कि इस बांध से धूल मिठाइयां उड़ने लगी है.

1973- 74 में बना गोरमा डैम मऊगंज का इकलौता विशाल जल संग्रह स्त्रोत है. इस बांध के होने से मऊगंज का जल स्तर काफी हद तक उपयोगी होता है। समय - समय पर इसके सौंदर्यकरण और विकास के हवाले दिए जा रहे थे. लेकिन हालिया समय में इसपर किसी का ध्यान नहीं है. नतीजन इस बांध का जल स्तर पिछले कई वर्षों की तुलना में काफी कम होता जा रहा है. वर्तमान में इस डैम में नाम मात्र पानी रह गया है. चिंता का विषय है कि जो डैम पिछले कई दशक से लोगों की प्यास बुझा रहा है. उसपर किसी का ध्यान नहीं है।
खत्म हो गया पानी, मऊगंज हो जाए अलर्ट
मऊगंज जिले के हनुमना तहसील स्थित गोरमा डैम मौजूद है. इस बांध को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इस डैम का जल स्तर घटने लगता है तब पानी की भीषण समस्या हो जाती है। ऐसा सिर्फ हमारे गांव में ही नहीं बल्कि आधे मऊगंज का जल स्तर काफी नीचे चला जाता है। इस साल तो काफी हद तक गोरमा बांध सूख चुका है। अभी गर्मी का मौसम और तेज होगा तब जल संकट बढ़ेगा, लोगों ने कहां मऊगंज प्रशासन मौजूदा स्थिति को आंके और जो जरूरी उपाय हो करें.
शोध में पाया गया पीने लायक पानी नहीं
आज से कुछ समय पहले शोध किया गया जिसमें पाया गया कि गोरमा बांध में भौतिक-रासायनिक मापदंडों के संबंध में जल की गुणवत्ता और कुछ ज़ूप्लैंकटन की उपस्थिति पर किया गया था। वर्तमान में लोग इसे घरेलू और नहाने के उद्देश्य से इस्तेमाल करते हैं। इस तालाब में बहुत अधिक खरपतवार और मैक्रोफाइट्स हैं जो तालाब के पानी को प्रदूषित कर रहे हैं और साथ ही तालाब के किनारे घरेलू कचरा, प्लास्टिक, पॉलीथीन, सीवेज अपशिष्ट आदि को डंप कर रहे हैं।
मऊगंज कलेक्टर ने किया था निरीक्षण, बोले पर्यटक स्थल बनेगा
3 फरवरी 2024 को मऊगंज के तत्कालीन कलेक्टर अजय श्रीवास्तव इस डैम पर पहुंचे थे। यहां आकर उन्होंने किसानों की समस्या का निरीक्षण किए थे। इस दौरान उन्होंने गोरमा डैम को लेकर उपयोगिता देखी और इस डैम को पर्यटक केंद्र मानते हुए विकसित करने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद आज तक किसी अधिकारी और कर्मचारी की नजर इस डैम पर नहीं गई. फलस्वरूप इस डैम का जल स्तर काफी कम हो गया है और धूल मिट्टी उड़ने लगी है.