MP की सियासत में पसरा गम कांग्रेस नेता का फांसी के फंदे पर मिला शव, 1 रुपए की किस्त पर 18 आवासों का कराया था आवंटन
MP के ग्वालियर में कांग्रेस के कार्यकारी शहर अध्यक्ष अमर सिंह माहौर के द्वारा गुरुवार दोपहर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली इस घटना के समय वह घर में अकेले थे।
एमपी के ग्वालियर में कांग्रेस के कार्यकारी शहर अध्यक्ष अमर सिंह माहौर के द्वारा गुरुवार दोपहर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के समय वह घर में अकेले थे। दामाद केशव दुकान और बेटी कीर्ति यूनिवर्सिटी गई हुई थी। बेटी शाम 4 बजे जब वापस घर आई तो रूम अंदर से बंद था। उसने पति और रिश्तेदारों को फोन कर घर बुलाया जब वह कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो देखा अमर सिंह फांसी के फंदे पर लटके हुए थे।
दामाद के मुताबिक अमर सिंह जमीन के नामांकन संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में केस दर्ज होने से लगातार परेशान थे। वह अधिकतर समय घर पर ही रहा करते थे फोन भी उनका बंद रहता था। गोठ निवासी अमर सिंह पेशे से वकील थे।
उनका कोई बेटा नहीं था। माधौगंज के थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा के द्वारा बताया गया की मौके से सुसाइड नोट भी प्राप्त हुआ है। परिवार के लोग फिलहाल बयान देने की स्थिति में नहीं है जिस कारण से पता नहीं चल पा रहा है कि उन्होंने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया
MP न्यायालय के आदेश पर दर्ज की गई FIR
बेहटा चौकी प्रभारी रामचंद्र शर्मा के द्वारा बताया गया की 26 नवंबर को अदालत के आदेश पर पदमपुर खेरिया निवासी धारा सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की की थी जिसमें अमर सिंह के साथ प्रॉपर्टी डीलर संदीप सिंह चौहान को आरोपी बनाया गया था।
मामले में संदीप ने करीब 12 बीघा जमीन के नामांकन दस्तावेज की नोटरी अमर सिंह के जरिए तैयार कराई थी धारा सिंह का ऐसा कहना था कि दस्तावेज फर्जी बने थे इस मामले में अमर सिंह को उच्च न्यायालय से ₹100000 की शर्त अग्रिम जमानत दी गई थी।
भारतीय कम्युनिस्ट के बाद कांग्रेस की ली सदस्यता
अमर सिंह साल 1976 से 78 में माधव विद्यालय छात्र संघ में पदाधिकारी बने थे। जिसके बाद ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन से जुड़कर छात्र राजनीति की जिसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली
1984 में अमर सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान माधवराव सिंधिया की मुरार में प्रचार सभा के दौरान कांग्रेस की सदस्यता ली थी। वह संगठन में लगातार एक्टिव थे ग्वालियर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे कांग्रेस शासन काल के समय जीडीए के उपाध्यक्ष रहते हुए बिंडी श्रमिकों के लिए एक रुपए की किस्त पर 18 आवासों का आवंटन कराया था जिसके बाद वह चर्चा में आए थे