सात जन्मों का धोखा: हनीमून के बहाने पति की हत्या, प्रेमी से मिलने पहुंची पत्नी
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या ने देश को चौंका कर रख दिया है। हनीमून पर निकले एक नवविवाहित जोड़े की खुशियों के पीछे छिपा था एक ऐसा भयानक सच, जिसने सभी को हैरान कर दिया।
राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी पर आरोप है कि उसने अपने प्रेमी के लिए पति की हत्या की साजिश रची। बताया जा रहा है कि सोनम का पहले से ही राज कुशवाहा नाम के युवक से प्रेम संबंध था। पुलिस ने अब उसे भी गिरफ्तार कर लिया है।
💔 पति को हटाया, ताकि प्रेमी से मिल सके
पुलिस जांच में सामने आया है कि सोनम ने अपने प्रेमी की बांहों में जीने के लिए अपने पति को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दिया। पूरी वारदात को एक हादसा दिखाने की कोशिश की गई थी। सोनम ने घटना के बाद खुद को मासूम साबित करने के लिए कई हथकंडे अपनाए।
🤔 क्यों नहीं ली हनीमून की एक भी तस्वीर?
पुलिस को सबसे पहले शक तब हुआ जब कपल ने अपने पूरे हनीमून ट्रिप के दौरान एक भी फोटो नहीं ली और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट किया। लेकिन हैरान करने वाली बात यह थी कि राजा की मौत के बाद, सोनम ने खुद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से दोपहर 2:15 बजे एक पोस्ट किया – “सात जन्मों का साथ है”। यही पोस्ट जांच का अहम मोड़ बन गया।
🕵️♀️ 20 अफसरों की टीम, 42 सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
मेघालय पुलिस ने इस साजिश की परतें खोलने के लिए 120 पुलिसकर्मियों की मदद से 20 सदस्यीय कोर टीम बनाई। 42 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। तकनीकी साक्ष्य और बारीकी से पूछताछ के बाद हत्या की यह प्लानिंग सामने आई।
🛤️ हत्या के बाद प्रेमी से मिलने पहुंची सोनम
सूत्रों के अनुसार, 23 मई को सोनम गुवाहाटी से ट्रेन द्वारा इंदौर लौटी और वहीं अपने प्रेमी राज कुशवाहा से मिली। उसे एक किराए के कमरे में ठहराया गया। बाद में एक ड्राइवर की मदद से वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंची, जहां वो कई दिनों तक छिपी रही।
इसी दौरान वो लगातार अपने प्रेमी और अन्य लोगों के संपर्क में रही। पुलिस ने 3 और 4 जून को सोनम की भूमिका की पुष्टि कर ली थी। फिर इंदौर से राज कुशवाह की गिरफ्तारी हुई और दबाव में आकर सोनम ने गाजीपुर के एक ढाबे पर आत्मसमर्पण कर दिया।
इस दर्दनाक कहानी ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि रिश्तों की सतह के नीचे कभी-कभी कितनी गहराई तक धोखा छुपा होता है। प्यार के नाम पर की गई यह हत्या सिर्फ एक इंसान की जान नहीं लेती, बल्कि विश्वास, भरोसे और इंसानियत को भी चोट पहुंचाती है।